कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती रेनू शर्मा के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने विद्यालय के उद्देश्यों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। प्रिंसिपल ने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल बच्चों को अकादमिक सफलता दिलवाना नहीं है, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक, समर्पित व्यक्ति और मानसिक रूप से सशक्त बनाना है। विद्यालय में हम बच्चों को शारीरिक, मानसिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमारे यहाँ विद्यार्थियों को वे सभी सुविधाएँ और मार्गदर्शन मिलता है, जिनसे वे अपनी प्रतिभा को पूरी तरह से निखार सकते हैं।"
इस दौरान विद्यालय के छात्रों ने रंग-बिरंगी प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें नृत्य, संगीत, और नाटक जैसी शैलियों का समावेश था। विशेष रूप से छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गए पारंपरिक नृत्य और सामूहिक गाने ने सभी को हैरान कर दिया। इन प्रस्तुतियों में बच्चों की कड़ी मेहनत और उनकी क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन हुआ, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह विद्यालय बच्चों को केवल शिक्षा नहीं, बल्कि उनके गुणों और कला का भी पूरा सम्मान करता है।
मुख्य अतिथि, श्री श्याम कपूर ने अपने संबोधन में विद्यालय की शैक्षिक दृष्टि और बच्चों के सर्वांगीण विकास की सराहना की। उन्होंने कहा, "आज का शिक्षा क्षेत्र केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बच्चों को अपने आसपास के समाज, संस्कृति और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का अवसर भी मिलता है। नारायणा ई-टेक्नो स्कूल इस दिशा में शानदार कार्य कर रहा है। यहाँ बच्चों को केवल उनके अकादमिक ज्ञान में ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक विकास में भी प्रेरित किया जाता है।" उन्होंने विद्यालय की इस पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और बच्चों को उनके भविष्य में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि, पंकज कुमार ओझा ने भी अपने संबोधन में महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बच्चों और उनके माता-पिता को खास संदेश देते हुए कहा, "हमारे लिए स्वास्थ्य और पोषण सबसे महत्वपूर्ण हैं। घर का खाना सबसे शुद्ध और सात्विक होता है। बच्चों को बाहरी और जंक फूड से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह उनके शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। अगर हम शुद्ध आहार का सेवन करते हैं, तो न केवल हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति भी स्थिर रहेगी।" पंकज कुमार ओझा ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को पोषक और स्वस्थ आहार दें, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास संतुलित हो सके।
एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन, श्री अनंत शुक्ला ने भी इस अवसर पर बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा, "यदि आपको सफलता प्राप्त करनी है, तो आपको हमेशा अपनी मेहनत और समर्पण पर विश्वास रखना होगा। अनुशासन जीवन का अभिन्न हिस्सा है और यही एक ऐसी शक्ति है, जो आपको किसी भी कार्य में सफल बना सकती है। भारतीय वायुसेना में अनुशासन, समर्पण और टीमवर्क को अत्यधिक महत्व दिया जाता है, और यही मूल्य जीवन में कहीं भी सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।"
कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। बच्चों को उनके अकादमिक, सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह एक बहुत ही गर्व का पल था, जहाँ विद्यार्थियों को उनके कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों से न केवल बच्चों को उत्साह मिला, बल्कि उनके अभिभावकों को भी गर्व महसूस हुआ कि उनका बच्चा इस विद्यालय का हिस्सा है।
कार्यक्रम के अंत में प्रिंसिपल श्रीमती रेनू शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमारे अतिथियों ने हमें प्रेरित किया और हम उनके मार्गदर्शन को अपने बच्चों के भविष्य के लिए मार्गदर्शक तारे की तरह देखेंगे। आज का दिन हमारे बच्चों और हमारे विद्यालय के लिए एक यादगार अवसर है, और हम सभी को गर्व है कि हमारे विद्यार्थी इस तरह की उपलब्धियों को हासिल कर रहे हैं। मैं सभी विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देती हूँ और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हूँ।"
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित बच्चों और उनके अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि यह दिन उनके लिए एक नई उम्मीद और ऊर्जा लेकर आया था। कार्यक्रम का समापन संगीत और नृत्य के साथ हुआ, जिसमें सभी ने उत्सव की पूरी रौनक को महसूस किया। इस भव्य आयोजन ने सभी को एकजुट किया और बच्चों को यह महसूस कराया कि वे अपने प्रयासों से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।