राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 24 मार्च को सोलहवीं विधानसभा के तृतीय सत्र को राष्ट्रगान के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया। इस अवसर पर उन्होंने सदन में पेपरलेस कार्यप्रणाली की शुरुआत की घोषणा की। सदन को गुलाबी शहर की तर्ज पर गुलाबी रंग में नया रूप दिया गया, और आईपैड के माध्यम से सदन की कार्यवाही संचालित की जाएगी। श्री देवनानी ने सभी विधायकों से अपील की कि वे मिलकर राजस्थान विधानसभा को देश की आदर्श विधानसभा बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
प्रश्नों के उत्तर: इस सत्र में कुल 9800 प्रश्न प्राप्त हुए थे, जिनमें से 95% के उत्तर प्राप्त हो चुके हैं। इस सत्र में 516 तारांकित और 576 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए थे। उन्होंने कहा कि पिछले सत्रों के मुकाबले यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।
स्थगन प्रस्ताव (नियम 50): 231 स्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 71 पर सदन में चर्चा हुई और 63 विधायकों ने अपने विचार रखे। यह पिछले सत्र से अधिक था, जिसमें 194 प्रस्तावों पर चर्चा की गई थी।
विशेष उल्लेख (नियम 295): इस सत्र में 337 विशेष उल्लेख के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 293 पढ़े गए और 92 के बारे में राज्य सरकार से जानकारी प्राप्त हुई।
पर्चियां: इस सत्र में 767 पर्चियां प्राप्त हुईं, जिनमें से 84 पर्चियां शलाका द्वारा चयनित की गईं। पिछले सत्र में 808 पर्चियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 72 पर्चियां चयनित की गईं।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (नियम 131): 811 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 400 के उत्तर पहले ही प्राप्त हो चुके हैं और 28 प्रस्तावों को सदन में सूचीबद्ध किया गया।
आय-व्ययक अनुमान: आय-व्ययक अनुमान पर इस सत्र में एक दिन अधिक चर्चा हुई। 96 विधायकों ने भाग लिया और उप मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से उत्तर दिया।
विधायी कार्य: इस सत्र में 12 विधेयक प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 10 पारित हुए और 3 विधेयक प्रवर समिति को सौंपे गए। कुल 210 संशोधन प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 171 को स्वीकार किया गया।
याचिकाएं और प्रतिवेदन: इस सत्र में विधायकों द्वारा 55 याचिकाएं प्रस्तुत की गईं और 17 प्रतिवेदन सदन में प्रस्तुत किए गए। पिछले सत्र में यह संख्या क्रमशः 19 याचिकाएं और 20 प्रतिवेदन थी।
तीन सत्र की मंशा: देवनानी ने सुझाव दिया कि जैसे लोकसभा और अन्य विधानसभाओं में तीन सत्र होते हैं, वैसे ही राजस्थान विधानसभा में भी तीन सत्र चलाए जाने चाहिए ताकि विधायकों को सदन में अधिक समय मिल सके और वे ज्यादा सक्रिय रूप से भाग ले सकें।
विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोलहवीं राजस्थान विधानसभा के तृतीय सत्र के समापन पर सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विधायकों, सभापति तालिका के सदस्यों, सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक, विधानसभा के अधिकारियों, कर्मचारियों, राज्य सरकार के सभी विभागीय प्रतिनिधियों, पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, और मीडियाकर्मियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
देवनानी ने यह भी बताया कि सत्र की कार्यवाही को 2841 लोगों ने सदन की दर्शक दीर्घा में बैठकर देखा, और राजस्थान विधानसभा के राजनीतिक आख्यायन संग्रहालय का दौरा 14,000 लोगों ने किया। यह दर्शाता है कि नागरिकों में विधानसभा के कामकाज को लेकर गहरी रुचि है और इससे विधानसभा की पारदर्शिता और जनता की भागीदारी को बढ़ावा मिलता है।