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आपणों नवलगढ़ Aapno Nawalgarh



नानसो दरूजो म्हारो, काळजो घणों चौड़ो है। 

बाबो रामदेव बसै, असवार लीलो घोड़ो है। 


कुवा रो पाणी है मीठो, बोलियां म मिठास है। 

कैलाश काको, सगळा न्योलगढ म खास है। 


मंडी गेट मंडी कोन्या, नयो बजार बसां चालै।

बावड़ी गेट बराती डोलै, मिंतर चौक नेता हालै।


मैन बजार शीतळा माई, नगर सेठ है गोपीनाथ। 

नाहर सिंह पार्क रस्तो, चालो च्याहे दोन्यू हाथ।


च्यारूं कान्या नाज दुकानां, गणेशजी  महाराज।

पोदारा रो नाम चालै, पढायां म घणों सरताज।


घूम चक्कर च्यारूं रस्ता, सैलाणी घूमण न आवै।

आठूं हेल्यां च्यारूं हेल्यां, देख देख क हरसावै।


महामाई है सिद्धपीठ, गंगामाई बैठी मुळकावै।

तीज त्यूहारां झांकी निकळै, कुणो कुणो सजावै।


अठै सूर्यमंडल म घणी, खेलां री चालै बहारां।

शेखावाटी मेळो लागै, आपणा नवलगढ़ प्यारा।


रमाकांत सोनी सुदर्शन 

नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान 

रचना स्वरचित व मौलिक है