जिले की सबसे बड़ी लूट के चारों आरोपी गिरफ्तार, चार नकाबपोश बदमाशों ने छत के रास्ते घर में घुस गन पॉइंट पर की थी फिल्मी अंदाज में लूट
जयपुर 8 सितंबर। बाड़मेर पुलिस ने जिले की सबसे बड़ी लूट की वारदात को महज 72 घंटों में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है। गडरा रोड कस्बे में एक मेडिकल व्यवसायी के घर हुई ₹1 करोड़ की लूट के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को बापर्दा गिरफ्तार किया है, जिनसे लूटा गया सोना, चांदी और नकदी बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि 4 सितंबर की रात करीब 1:30 बजे चार नकाबपोश बदमाश मेडिकल व्यवसायी उत्तमचंद माहेश्वरी के घर में छत के रास्ते घुस गए। उन्होंने उत्तमचंद, उनकी पत्नी, बेटी और नातिन से मारपीट कर बंधक बना लिया। रिवाल्वर की नोंक पर परिवार को धमकाया गया और 40-45 तोला सोना, 50-60 किलो चांदी और ₹1.25 लाख नकद लूट लिए गए।
उत्तमचंद ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना स्वयं मौके पर पहुंचे और वारदात का खुलासा चुनौती के रूप में लिया। उनके दिशा-निर्देश में विशेष पुलिस टीमें गठित की गईं, जिनमें सीसीटीवी सर्विलांस टीम, आसूचना संकलन टीम और तकनीकी टीम ने लगातार तीन दिनों तक अथक मेहनत की।
पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी
पुलिस ने मामले को चुनौती के रूप में लिया। जांच टीम ने पीड़ित परिवार से अपराधियों के हुलिए और भाषा के बारे में जानकारी ली। सीसीटीवी सर्विलांस टीम ने घटनास्थल और आसपास के करीब 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की गहनता से जांच की। तकनीकी टीम ने तकनीकी सहायता और आसूचना के आधार पर संदिग्धों की पहचान की और डॉग स्क्वॉयड और एफएसएल द्वारा मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए गए।
जांच के दौरान पुलिस को शक हुआ कि इस वारदात के पीछे किसी जानकार का हाथ हो सकता है। डेटा विश्लेषण के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़ित की दुकान पर पहले काम कर चुके एक युवक और उसके सेल्समैन दोस्तों की गतिविधियां संदिग्ध थीं। पुलिस ने उन पर निगरानी रखी और 3 दिन की कड़ी मेहनत के बाद चारों आरोपियों को दबोच लिया।
मुख्य आरोपी ही निकला 'घर का भेदी'
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपी मेडिकल की दुकानों पर सेल्समैन का काम करते हैं। उन्हें कम वेतन मिलता था और वे जल्दी अमीर बनना चाहते थे। मुख्य आरोपी उत्तमचंद की दुकान पर पहले काम कर चुका था और उसे घर की पूरी जानकारी थी। इसी ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर इस लूट की योजना बनाई। उन्होंने उत्तमचंद के बेटे के शहर से बाहर जाने का इंतजार किया और मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दिया।
लूट के बाद आरोपी सीसीटीवी से बचने के लिए रेलवे ट्रैक के रास्ते भाग निकले और सुबह होते ही अपनी-अपनी दुकानों पर काम करने लगे, ताकि किसी को उन पर शक न हो। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है।
इस खुलासे में हेड कांस्टेबल प्रेमाराम कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह की विशेष भूमिका रही। इस कार्रवाई में डीएसटी टीम से एएसआई महिपाल सिंह, हेड कांस्टेबल प्रेमाराम, कांस्टेबल मालाराम, नखत सिंह, देवाराम, किशोर, हरलाल सिंह, रामस्वरूप, संदीप कमांडो, आसूचना व डीसीआरबी टीम से हेड कांस्टेबल वीरम खान, कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह, शिवरतन, लुम्भा राम, सद्दाम, रतन लाल, भवानी सिंह, जोगेंद्र, खीम सिंह व गंगा राम और थाना गडरारोड से एसएचओ छैल सिंह, एएसआई जगदीश, हेड कांस्टेबल हनवन्ता राम, कांस्टेबल पवन कुमार, विमलेश कुमार, रमेश कुमार, हुकमाराम और गजेंद्र सिंह शामिल थे।