उदयपुर, 20 सितंबर 2025 — देश के कृषि क्षेत्र में नवाचार और सतत विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले भाजपा नेता और कृषि इंजीनियर नंदकिशोर महरिया को राष्ट्रीय एग्रीटेक इनोवेशन अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें 18 से 20 सितंबर तक उदयपुर, राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन - "सतत पौध संरक्षण में प्रगति: बदलते कृषि परिदृश्य" के दौरान प्रदान किया गया।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कीटविज्ञान अनुसंधान संघ और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी), उदयपुर द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। श्री महरिया को यह सम्मान पौध संरक्षण के क्षेत्र में उनके वैज्ञानिक नवाचारों और उन्हें किसानों तक पहुंचाने में प्रभावी भूमिका के लिए दिया गया।
उनके योगदान की विशेषताएं:
कृषि इंजीनियर और जनप्रतिनिधि के रूप में नंदकिशोर महरिया ने सरकार, वैज्ञानिक संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और किसानों के बीच सेतु का कार्य किया।
उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों को जमीनी स्तर तक पहुंचाया, जिससे किसानों की आजीविका में सुधार हुआ और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व और उत्पादकता को बढ़ावा मिला।
पुरस्कार समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियां:
भागीरथ चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
डॉ. एस. वी. एस. काजू, पूर्व कुलपति, एस.के.एन. कृषि विश्वविद्यालय
डॉ. एस. सी. भारद्वाज, अध्यक्ष, कीट विज्ञान अनुसंधान संघ
डॉ. जे. पी. सिंह, पौध संरक्षण सलाहकार, भारत सरकार
डॉ. एस. के. शर्मा, सहायक महानिदेशक (एचआरएम), आईसीएआर, नई दिल्ली
एन. एस. बरहट, प्रबंध निदेशक, एरिस्टो बायोटेक, वडोदरा
डॉ. एस. एन. सुशील, निदेशक, आईसीएआर-एनबीएआईआर, बेंगलुरु
विश्वविद्यालय के प्रमुख प्रतिनिधि:
डॉ. ए. के. कर्नाटक, कुलपति, एमपीयूएटी, उदयपुर
डॉ. मनोज के. महला, डीन, आरसीए, उदयपुर
डॉ. अरविंद वर्मा, निदेशक अनुसंधान, एमपीयूएटी
इस अवसर पर देशभर के 18 राज्यों से सैकड़ों कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को अत्यंत गरिमामय बना दिया।
महरिया ने कहा:
"यह सम्मान मेरे लिए सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि किसानों के कल्याण और सतत कृषि नवाचारों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। मैं अपने सभी सहयोगियों, वैज्ञानिकों, किसान भाइयों-बहनों और शुभचिंतकों का दिल से धन्यवाद करता हूँ। आइए, हम सब मिलकर एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाएं।"
सुझाव एवं प्रतिक्रियाओं के लिए:
महरिया ने आम जनता और कृषि विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे इस पहल पर अपने सुझाव और विचार साझा करें।

