राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। वे पिछले दो वर्षों से कोमा में थे। उनके निधन की खबर से राजस्थान की राजनीति में शोक की लहर है, खासकर बीकानेर और नोखा क्षेत्र में जहाँ वे जनता के दिलों में एक खास स्थान रखते थे।
ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में थे
अगस्त 2023 में रामेश्वर डूडी को अचानक ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद उन्हें पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उनकी हालत गंभीर होने के चलते बाद में उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद वे कोमा से बाहर नहीं आ सके। कुछ समय पहले उन्हें वापस बीकानेर लाया गया था, जहाँ 3 अक्टूबर की रात उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
आज होगा अंतिम संस्कार
रामेश्वर डूडी का अंतिम संस्कार 4 अक्टूबर, सुबह 11 बजे बीकानेर के पूगल रोड स्थित बगेची में किया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं, स्थानीय जनता और नेताओं की भारी भीड़ उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटने की संभावना है।
राजनीतिक सफर: पंचायत से विधानसभा तक
नोखा तहसील के बिरमसर गांव में जन्मे डूडी का राजनीतिक सफर जमीनी स्तर से शुरू हुआ। वे पहले पंचायत समिति प्रधान, फिर जिला प्रमुख बने। इसके बाद उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाग लिया और जीत दर्ज की।
डूडी ने 2004 में बीकानेर से सांसद के रूप में संसद में कदम रखा। बाद में वे नोखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और 2013 से 2018 तक राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहे। इस भूमिका में उन्होंने राज्य में किसानों, मजदूरों और आम जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।
किसानों की बुलंद आवाज
रामेश्वर डूडी को राजस्थान में किसानों की आवाज माना जाता था। उन्होंने हमेशा कृषि संकट, फसलों के उचित दाम, सिंचाई, और कर्जमाफी जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में कई किसान आंदोलनों को मजबूती मिली और उनकी सादगी व स्पष्टवादिता के कारण वे जनता में बेहद लोकप्रिय रहे।
राजनीतिक विरासत: पत्नी सुशीला डूडी बनीं विधायक
रामेश्वर डूडी की राजनीतिक विरासत को उनकी पत्नी सुशीला डूडी ने आगे बढ़ाया। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने नोखा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की और वर्तमान में वे विधायक हैं।
राजस्थान कांग्रेस और क्षेत्र में शोक की लहर
डूडी के निधन की खबर सुनते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं, किसानों और आम लोगों में गहरा शोक व्याप्त हो गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया और उन्हें एक निष्ठावान, ईमानदार और जनता के प्रति समर्पित नेता बताया।