खबर -राजकुमार चोटिया
आदतन शिकारियों एवं संरक्षण कर्ता पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने तथा निष्क्रिय ड्यूटीरत वन विभाग के अधिकारियों को निलम्बित करने की मांग
सुजानगढ़ -गुरू जम्भेश्वर एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के बीकानेर संभाग प्रभारी हनुमानाराम दिलोईया, जीव रक्षा संस्था बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणियां, अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के सचिव हनुमानाराम विश्नोई, बंशीलाल सारण, रामचन्द्र गोदारा बीकानेर, मांगीलाल पूनियां बीकानेर, सत्यनारायण गंगानगर, लक्ष्मणराम गंगानगर, रामनारायण तरड़ जसरारसर, प्रेम कटारिया बीकानेर उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर वन्य जीवों के आदतन शिकारियों व संरक्षणकर्ता पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने एवं निष्क्रिय ड्यूटीरत वन विभाग के अधिकारियों को निलम्बित करने की मांग की है। दिलोईया ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि 23 अप्रेल की दोपहर टेलीफोन पर सूचना मिली कि लम्बे समय से कातर की रोही में वन्य जीव चिंकारा हिरणों का शिकार कर शिकारी गिरोह मांस की सप्लाई कर रहे हैं। मौके पर पंहूचकर शिकारियों का पीछा और मुकाबला करने पर वन्य जीव रक्षकों पर हमला कर 7-8 शिकारी भागने में कामयाब हो गये और एक मांगीलाल निवासी निम्बी जोधा को पकड़ा। जिसके पास से मृत हिरण, हिरण का मांस, सिंग और तराजू, जाल, बाट व खून से सने बोरे प्राप्त किये थे। परमेश्वर, प्रताप, सरबतीदेवी, राजू उर्फ राकेश, विशनाराम, समिरियां, करमिया व दो अन्य शिकारी भागने में कामयाब हो गये। जिनके पास अवैद्य हथियार व मृत चिंकारा हिरण थे। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि क्षेत्र में कातर की रोही, साजनसर, रेड़ा, तेहनदेसर लगातार 20 वर्षों से शिकारी डेरा जमाये हुए बैठे हैं तथा प्रतिदिन सैंकड़ों वन्य जीवों को मार कर मांस की सप्लाई करते हैं। राज्य स्तरीय शिकारी गिरोह से स्थानीय लोगों द्वारा शिकार करवा कर बड़े-बड़े होटलों में सप्लाई करने, पूर्व सरपंच किस्तूराराम द्वारा अपना खेत देने तथा क्षेत्रिय वन अधिकारी मोहनलाल मीणा द्वारा शिकारियों को संरक्षण देने का आरोप ज्ञापन में लगाया गया है। ज्ञापन में वन्य जीवों के आदतन शिकारियों एवं संरक्षण देने वाले गिरोह पर कार्यवाही करने, अवैद्य हथियारों को जब्त करने, शिकार सम्भावित क्षेत्र में अस्थाई चौकी बनाने, शिकार की सूचना पर कार्यवाही नहीं करने वाले क्षेत्रिय रेंजर मोहनलाल मीणा को निलम्बित करने, वन्य जीव प्रेमियों को सुरक्षा व आत्म रक्षा में राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क हथियार लाइसेंस जारी करने, मुकदमों के आधार पर शिकारियों की हिस्ट्रीशीट खोलने, क्षेत्र में हो रहे शिकार पर कार्यवाही नहीं करने पर सम्बन्धित थाना क्षेत्रों प्रभारियों के निलम्बन की कार्यवाही करने, वन्य जीव अधिनियम 1972 व 92 को कठोर बनाने की मांग की गई है।
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