बुधवार, 22 अगस्त 2018

मांगे नहीं मानी तो राजस्थान में फिर हो सकता है चक्का जाम

बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। राजस्थान में एक बार फिर रोडवेज कर्मचारियों का आ ंदोलन शुरू हो सकता है। फिर यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इसकी वजह है  सरकार की ओर से की जा रही वादाखिलाफी। प्रदेशव्यापी इस आंदोलन का फैसला संयुक्त  मोर्चे ने किया किया है। एक सितंबर से फिर रोडवेज आंदोलन शुरू होगा। इसको लेकर  आज रोड़वेज कर्मचारियों की सभा हुई,जिसमे आंदोलन की रणनीति पर विचार हुआ।
बैठक को संबोधित करते हुए राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाईज यूनियन एटक के  महासचिव धर्मवीर चौधरी ने कहा कि रोडवेज श्रमिकों की 25 जुलाई 2018 से प्रदेशव्यापी  चक्का जाम हड़ताल शुरू हुई। उस वक्त 27 जुलाई को परिवहन मंत्री यूनुस खान की  अध्यक्षता में राज्य सरकार के अधिकारियों और रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे  के प्रतिनिधियों के बीच लिखित समझौता हुआ। उस समझौते में समयबद्ध पालना के प्रति  राज्य सरकार को अश्वथ किया, लेकिन अब सरकार उस लिखित वायदे की उपेक्षा कर रही  है। चौधरी ने कहा कि सरकार को समझौते की पालना में रोडवेज श्रमिकों को सातवें वेतन  आयोग के अनुसार वेतनमान, भत्ते, पेंशन देने और विभिन्न वर्गों के रिक्त पदों पर नई भर्ती क रने की मांगों को मानना होगा। साथ ही क्रियान्वयन के लिये एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित  करनी होगी। जो अपनी विस्तृत रिपोर्ट 31अगस्त को राज्य सरकार को देगी। राजस्थान  रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के महासचिव किशन सिंह राठौड़ ने कहा कि समझौते के बाद  22 दिन गुजर जाने के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक कमेटी गठित नहीं की है। 
ऐसे में शेष 13 दिन में अपेक्षित रिपोर्ट 31अगस्त  को आने पर सवालिया निशान खड़े हो  गए हैं। समझौते के अनुसार पूर्व स्वीकृत अनुदान के बकाया 150 करोड़ रुपए अब तक तो  राज्य सरकार से आजाने चाहिये थे। जिसमें से केवल 48 करोड़ 83 लाख रुपए ही आए हैं।  101 करोड़ 17 लाख रुपए आने बाकी हैं। इसके कारण सेवानिवृत्त श्रमिकों के बकाया  सेवानिवृत्ति परिलाभों और सेवारत श्रमिकों के तीन स्वीकृत मंहगाई भत्ते के भुगतान रुके पड़े  हैं। अन्य मांगों पर वार्ता में बनी सहमति के अनुसार रोडवेज प्रबंधन के स्तर पर की जाने  वाली कार्यवाही में भी अनावश्यक विलम्ब हो रहा है। पहले से ही आक्रोशित श्रमिकों में  समझौते का समयबद्ध पूरा नहीं होने पर आंदोलन की रूप रेखा तय कर दी गई। 
क्या है आंदोलन की रूप रेखा - 
एक सितम्बर 2018 को प्रदेश भर में रोडवेज के सभी आगारों एवं केंद्रीय कार्यशालाओं पर  प्रात:11 बजे से सांय चार बजे तक एक दिन के बड़े संयुक्त धरने। 
आठ सितम्बर को जयपुर में 500 कार्यकर्ताओं का संयुक्त प्रदेशस्तरीय सम्मेलन।
15-16 सितम्बर को प्रदेश भर में रोडवेज के सभी आगारों एवं केंद्रीय कार्यशालाओं पर  प्रात: 11 बजे से दिन-रात के बड़े संयुक्त धरने। जयपुर में ये धरने सिंधीकैंप बस स्टैंड पर  होंगे।
16 सितम्बर 2018 की रात्रि के 12 बजे के बाद 17 सितम्बर 2018 शुरू होते ही 24 घंटे का  प्रदेशव्यापी चक्का जाम हड़ताल होगी। जिसे जरूरत पडऩे पर संयुक्त मोर्चा लगातार जारी रख  सकता है।
संयुक्त मोर्चे ने किया नये प्रदेशव्यापी आंदोलन का फैसला!

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