रविवार, 23 सितंबर 2018

हिन्दुस्तान जिं़क राजस्थान में दस हजार फुटबाल खिलाड़ी बनाना चाहता है: सुनील दुग्गल

खबर - पंकज पोरवाल 
राजस्थान की ग्रामीण फुटबाल प्रतिभाओं के लिए ‘जिं़क फुटबाल’ प्रोजेक्ट का अनावरण
 भीलवाड़ा । राजस्थान की फुटबाॅल खेल प्रतिभाओं और इस खेल में रूचि लेने वालों के लिए हिन्दुस्तान जिं़क के यशद भवन सभागार में हुआ जिं़क फुटबाॅल प्रोजेक्ट का शुभारंभ एक यादगार पल था। जिसका उद्घाटन पुलिस महानिरीक्षक विशाल बसंल, जिला कलेक्टर विष्णुवचरण मलिक, ज़िंक फु़टबाॅल अकादमी के अध्यक्ष अनन्य अग्रवाल, हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने फुटबाॅल प्रतिभाओं एवं कोच एवं मिडिया की उपस्थिति में जिं़क फुटबाॅल प्रोजेक्ट के लोगो का अनावरण कर किया। उद्घाटन के अवसर वेदांता फुटबाल के अध्यक्ष अनन्य अग्रवाल ने कहा कि वेदांता देश में ग्रासरूट फुटबाल के विकास में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में काम करते हुए वेदांता समूह ने इस खेल के विकास में मदद करने के लक्ष्य के साथ मूलभूत सुविधाएं तैयार करने हेतु कई पहल किए हैं। हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक फुटबाल मानचित्र पर स्थापित करना है। हम अगले पांच सालों में भारत को एशिया की शीर्ष-10 और दुनिया की शीर्ष-50 टीमों में देखना चाहते हैं। इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि वेदांता-जिं़क फुटबाल अकादमी की स्थापना का सपना राजस्थान में फुटबाल में रूचि रखने वाले ग्रामीण प्रतिभाओं को सुविधाएं उपलब्ध करा कर आगे लाने का हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हिन्दुस्तान जिं़क 10,000 खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए हिन्दुस्तान जिं़क फुटबाल अकादमी आधुनिक टेक्नोलाॅजी से बनाई गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन-चार सालों में फुटबाल खेल में लगभग 60 प्रतिशत बच्चें हमारी अकादमी से हो। दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क अपने सीएसआर के कार्यो से सामाजिक उत्थान के लिए नई सोच से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ विज़न के अनुसार हिन्दुस्तान जिं़क ने देश के 10 आईकोन के तहत अजमेर दरगाह की स्वच्छता एवं सुन्दरता के लिए जिम्मेदारी ली है। जिसके तहत अजमेर दरगाह की विश्व में एक अलग पहचान बनेगी। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत समाज उत्थान के लिए माईनिंग अकादमी की स्थापना, स्किल इण्डिया, ऊंची उड़ान, जीवन तंरग जिं़क के संघ, शिक्षा सम्बल जैसे महत्वपूर्ण परियोजानाओं पर कार्य कर रहें है। उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक विशाल बंसल ने फुटबाॅल की नवीन प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते हुए दिल से शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य को हिन्दुस्तान जिं़क की पहल पर सुनिश्चित करने का आव्हादन किया। जिला कलेक्टर विष्णुचरण मलिक ने कहा कि स्थानिय खेल प्रतिभाओं को आगे लाने का हिन्दुस्तान जिं़क का प्रयास अनुकरणीय है यदि सही प्लेटफार्म, सही मार्गर्शन और सही प्रतिभा का समन्वय हो तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए एक उदाहरण है। इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिं़क की सीएसआर हेड-नीलिमा खेतान, वाइस प्रेसीडेन्ट एवं हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक, हेड-कार्पोरेट अफेयर्स प्रवीण जैन, हेड-एच.आर संजय शर्मा एवं हिन्दुस्तान जिं़क के कर्मचारी उपस्थित रहे।
2026 विश्व कप के लिए 5 से 12 उम्र के बच्चों को प्रशिक्षित किया जाए
कार्यक्रम में भाग लेने आए वेदांता फुटबाॅल प्रोजेक्ट के अध्यक्ष अनन्य अग्रवाल ने विशेष बातचीत में कहा कि फुटबाॅल अकादमी के जरिए राजस्थान में 10,000 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों से महिला फुटबाॅल खिलाडियों को आगे लाना है। अनन्य अग्रवाल स्वयं भी फुटबाॅल खेल के खिलाडी है कि जो राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय फुटबाॅल टूर्नामेंट में विशेष रूचि रखते है। उनका मानना है कि भारत में फुटबाॅल प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन उन्हें आधारभूत सुविधाएं एवं सही प्रशिक्षण की कमी है जिसके कारण वें आगे नहीं बढ पाते है। ग्रमीण क्षेत्रों से फुटबाॅल प्रतिभाओं को पहचानने एवं उन्हें आगे लाने के अवसर होने चाहिए। उन्होनें कहा कि फुटबाॅल खिलाडियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पहुंचने में लगभग 10 साल लग जाते है लेकिन यह विडंबना है कि विदेशों में 250 मैचों की तुलना में भारत में एक खिलाडी 80 मैच ही खेल पाता है। भारतीय खिलाडियों को प्रदर्शन के लिए अवसर नहीं मिलने से वें सफल नही हो पाते है। उन्हांेने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाॅल खेलने के लिए उच्च स्तरीय तैयारी आवश्यक है। उनका मानना है कि फुटबाॅल खिलाडियों के बारे में नही बल्कि किसी भी खेल में सही प्रशिक्षण, पोषण, शारीरिक क्षमता, अवसर और वैश्विक तकनीक मिले तो भारत के खिलाडी भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते है। यदि सुविधाओं की बात की जाए तो भारत में भी इनकी कमी नहीं है। राजस्थान में हिन्दुस्तान जिं़क ने ग्रामीण क्षेत्रो में प्रतिभाओं की पहचान की है जहां 4500 बच्चों की पहचान कर उनमें से 30 बच्चों का चयन जिं़क फुटबाॅल एकेडमी के लिए किया गया है। 

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