शनिवार, 30 अक्तूबर 2021

डूंडलोद पब्लिक स्कूल डूंडलोद में राष्ट्रीय एकता दिवस के लिए हुए अनेक कार्यक्रम


डूण्डलोद
- हमारे लोकप्रिय प्रथम स्वराष्ट्र मंत्री 565 से अधिक रियासतों को एकीकृत कर भारतीय गणतंत्र में समावेशित करने वाले प्रखर राष्ट्रभक्त सरदार बल्लभभाई पटेल को आज राष्ट्र उनकी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है इसी परिप्रेक्ष्य में डूंडलोद पब्लिक स्कूल डूंडलोद ने राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया। जिसमें स्टैचू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृति के समक्ष सभी विद्यार्थियों ,शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रीय एकात्मता के संरक्षण हेतु प्रतिज्ञा की। प्रतिज्ञा में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों का भारत जिसमें कोई ऊंच-नीच ना हो,  जाति धर्म पंथ संप्रदाय के आधार पर कोई भेदभाव ना हो ,सभी को प्रगति के समान अवसर मिले, ऐसी विचारधारा को जीवन पर्यंत पुष्पित एवं पल्लवित करने में अपना सहयोग करेंगे।आज इस आयोजन में नन्हे-मुन्ने  बाल गोपालांे का भी उत्साह दर्शनीय था।


सचिव बी एल  रणवा ने कहा कि व्यक्ति की प्रगति उसकी जाति और रंग देखकर नहीं होती। व्यक्ति के अंदर सद्गुण कितने हैं उसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है ।हमें संस्कार और सद्गुणों के विकास का सतत प्रयत्न करते रहना चाहिए। भारतीय परिवेश के अनुरूप हमारी प्रशासनिक सेवाएं हो ऐसी संकल्पना 1947 में पटेल जी ने की थी । जिसके तहत उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा का गठन किया । वह उसके जनक कहलाए और उन्होंने कहा कि हमारी प्रशासनिक सेवाओं का कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थिति में राजनीति व धर्म से प्रेरित नहीं होना चाहिए और ना ही उसके कार्यक्रमों में सहभागी होना चाहिए । प्रशासनिक अधिकारियों को सामान्य मानवीयता के कल्याण के लिए सतत प्रयत्न करते रहना चाहिए।उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा को राष्ट् का लौह आधार स्तंभ कहा। 

इस अवसर पर बोलते हुए प्राचार्य जी प्रकाश ने कहा कि सरदार साहब की कर्तव्य के प्रति निष्ठा उस घटना में परिलक्षित होती है कि जब उनकी पत्नी  के निधन की सूचना उन्हें अदालत में एक नोट के माध्यम से मिली तो उन्होंने अदालत में हो रही बहस को नहीं रोका किसी को सूचना नहीं दी और वह गवाहों से जिरह करते रहे अंततोगत्वा वह उस केस में विजयी हुए और जब अदालत का फैसला आ गया कार्य पूर्ण हो गया तब उन्होंने अपने साथियों को बताया कि उनकी सह-गामिनी का देवलोक गमन हो चुका है। वह अपने निर्णयों में अड़िग रहते थे तथा राष्ट्र के लिए सर्वस्व त्याग सकते थे । जो राष्ट्र के लिए जीते हैं वह अमर होते हैं और राष्ट्र सदैव उनको नमन करता है।


कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय भागीदारी के लिए उप प्राचार्य धनंजय लाल, शशी ढ़ाका, सुमनलता जानू, रेखा राय ,राजेश ठाकुरी व सुनील श्रीवास्तव आदि का सीसीए प्रभारी शशि ने आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गीत के द्वारा हुआ।


Share This